कोरोना से अनाथ बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी

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कोरोना से अनाथ बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी : मुख्यमंत्री द्वारा अनाथ बच्चों के लिए सरकारी नौकरी की मंजूरी”बच्चों के लिए खुशखबरी: कोरोना के बाद अब सरकारी नौकरी का सपना होगा साकार!”

अनाथ बच्चों के लिए वयस्क होने पर सरकारी नौकरी प्रदान करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा मंजूरी दी गई है। यह पहल समाज के सबसे कमजोर वर्ग के बच्चों को सामाजिक सुरक्षा का एक नया माध्यम प्रदान करने का प्रयास है। इसके साथ ही यह उन बच्चों के लिए एक सकारात्मक संकेत है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने जीवन को सफलता की ओर बढ़ाना चाहते हैं।

वयस्कता पर आधारित सरकारी नौकरी का प्रस्ताव

सरकार ने अनाथ बच्चों को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी प्रदान करने के लिए एक नया प्रस्ताव आमंत्रित किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, उन बच्चों को वयस्क होने पर पे मैट्रिक्स एल-9 में सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना के कारण 31 मार्च, 2023 या इससे पहले हो गई है। यह एक अच्छा मौका होगा उन बच्चों के लिए जिनके पास विभिन्न क्षेत्रों में कौशल है और जो सरकारी सेवाओं में योगदान करना चाहते हैं।

नौकरी प्राप्ति के लिए पात्रता

यह सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मापदंडों पर आधारित होगी। उन बच्चों को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी मिलेगी जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना के कारण हुई है। इसके साथ ही ऐसे बच्चों को भी नौकरी प्रदान की जाएगी जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना से पहले हुई है और जो अब अनाथ हैं। वे बच्चे जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक नहीं है, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

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माता-पिता की मृत्यु की तिथि में विस्तार

मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना, 2021 के अंतर्गत अनाथ बच्चों के माता-पिता की मृत्यु की तिथि को विस्तारित करते हुए, 15 अक्टूबर, 2022 से लेकर 31 मार्च, 2023 तक की गई है। इससे कोरोना से प्रभावित होने वाले बच्चों को एक और अवसर मिलेगा अपने जीवन को नई दिशा में देखने का।

समाज की सेवा में एक नया कदम

यह पहल समाज के सबसे अधिक असहाय वर्ग के बच्चों को समर्थन प्रदान करने के लिए है। यह सरकारी नौकरी प्रदान करने का प्रयास है जिससे उन्हें एक सकारात्मक दिशा मिले और वे आत्मनिर्भर बन सकें। यह स्कीम विभिन्न क्षेत्रों में कौशल रखने वाले बच्चों को विभिन्न सरकारी सेवाओं में रोजगार प्रदान करने का एक अच्छा माध्यम साबित हो सकता है।

मुख्यमंत्री की सरकार में नये दिशा-निर्देश

यह पहल मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कोरोना के प्रभावित बच्चों के प्रति उनके समर्थन और सहायता का एक नया दिशा-निर्देश है। यह समाज के सबसे कमजोर वर्ग के बच्चों को उनके भविष्य की दिशा में एक सकारात्मक कदम बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है।

Frequently Asked Questions (FAQs)

• क्या है इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य?

इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य अनाथ बच्चों को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी प्रदान करके उनके सामाजिक सुरक्षा और स्वावलंबन में मदद करना है।

• कौन-कौन से बच्चे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?

इस योजना के तहत, वयस्क होने पर पे मैट्रिक्स एल-9 में आने वाले अनाथ बच्चे और बालिकाएं लाभ उठा सकते हैं, जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना के कारण हुई है।

• कौन-कौन से मापदंडों पर यह सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी?

इस सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए माता-पिता की मृत्यु कोरोना के कारण होनी चाहिए और उन बच्चों की आयु 18 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

• क्या यह स्कीम सिर्फ एक वित्तीय सहायता है?

नहीं, यह स्कीम सिर्फ वित्तीय सहायता की ही बजाय अनाथ बच्चों को रोजगार के एक नये माध्यम प्रदान करने का एक प्रयास है।

Summary;

राजस्थान सरकार ने कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए वयस्क होने पर सरकारी नौकरी प्रदान करने की मंजूरी दी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सेवा नियमों में संशोधन के प्रस्ताव की प्रशासनिक स्वीकृति दी। इसके तहत, कार्मिक विभाग ने पे मैट्रिक्स एल-9 में अनाथ बच्चों को नौकरी प्रदान करने का प्रस्ताव बनाया है। इस योजना में उन बच्चों को भी शामिल किया जाएगा, जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना के कारण 31 मार्च, 2023 से पहले हो चुकी है। इसके साथ ही, उन बच्चों को भी नौकरी प्रदान की जाएगी जिनके एक माता-पिता की मृत्यु पूर्व में हो चुकी है और दूसरे की मृत्यु कोरोना के कारण 31 मार्च, 2023 से पहले हो चुकी है, और उनकी आयु 18 साल से अधिक नहीं है। ‘मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना, 2021’ में प्रावधित माता-पिता की मृत्यु की तिथि 15 अक्टूबर, 2022 से विस्तारित करते हुए 31 मार्च, 2023 की गई है। राज्य बजट वर्ष 2023-24 में कोरोना के कारण अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरी की घोषणा की गई थी।

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